Writers Cramp

WRITER'S CRAMP , DYSTONIA, PARKINSON
WHEN YOUR HAND REFUSES TO WRITE.
Dr. Jitendra Shukla
Exp.-22 YEARS
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SANJEEVANI HOMOEOPATHIC & NEURO-PSYCHIATRY RESEARCH CENTER
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By,
DR. JITENDRA SHUKLA
M.D. (HOMOEOPATHY)
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SANJEEVANI HOMOEOPATHIC & NEURO-PSYCHIATRY RESEARCH CENTRE,S-41, GOLE MARKET, BEHIND HDFC BANK NEAR JEWEL PALACE, MAHANAGAR, LUCKNOW.PIN-226006
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In English
In Hindi
80% Improvement In 20 Days
SYMPTOMS OF WRITER'S CRAMP
- Difficulty in writing due to tremor/cramp/discomfort in hand and fore-arm.
- Tremor Shaking Of Hand during writing/holding pen.
- Writing becomes distored and untidy after a few sentences.
- Abnormal posture of finger /thumb /wrist/hand during writing.
- Difficulty in writing fast/hand freezes during writing.
- During writing holding pen/pencil tightly to avoid falling during writing(grip poor).
- These above symptoms get aggravated by anxiety,excitement,anger and before strangers.

Some Writer's Cramp Patients Videos
Writer's Cramp CAUSE-
MALFUNCTION OF VARIOUS AREAS OF BRAIN INCLUDING BASAL GANGLIA AND SENSORI MOTOR CORTEX.STRESS,
ANXIETY CAN WORSEN WRITER’S CRAMP.
Writer's Cramp Types -
- SIMPLE WRITERS CRAMP- SYMPTOMS APPEAR ONLY WHILE WRITING.
- DYSTONIC WRITERS CRAMP-SYMPTOMS APPEAR NOT ONLY WHILE WRITING BUT ALSO WHILE PERFORMING OTHER TASKS WITH THE HAND. SUCH AS USING A KNIFE,APPLYING MAKE-UP OR EATING ETC.
NOTE:
1.Please Make a Register
- Write one and same paragraph daily.
- After Paragraph write your Name , Date,Mobile No. ,Address & Time taken during writing.
4.write date wise complaints during writing.
For Any Query :-
हिंदी में
राइटर्स क्रैम्प में क्या होता है?
राइटर्स क्रेम्प
- लिखने में हाथ में कम्पन,दर्द,अकड़न,हाथ जाम होना।
- पेन व पेन्सिल हाथ से छूटना,फिसलना।
- लिखावट खराब,धीमी,लिखने में शब्दों का टेढ़ा- मेढ़ा,छोटी-बड़ी होना।
- लिखने में हाथ का इधर-उधर जाना व लिखने वाले हाथ का अंगूठा,अंगुलियाँ,कलाई सामान्य से अलग व्यवहार करना जैसे अँगूठा अंदर की ओर मुड़ना, किसी उंगली का ऊपर उठना या अंदर की ओर मुड़ना,कलाई का ऊपर उठना,अंदर या बाहर जाना,पेन या पेंसिल कस कर पकड़ने से अँगुलियों व अंगूठे में दबाव का निशान पड़ना आदि।
- लिखने पर हाथ,अंगुलियो या अंगूठे में अकड़न, दर्द,कम्पन होना आदि प्रमुख लक्षण हैं।
- इस बीमारी में लिखने की स्पीड बहुत कम हो जाती है
- इस बीमारी में बैंक,परीक्षा,अजनबी के सामने,तनाव,घबराहट के समय हस्ताक्षर करने व लिखने का काम लगभग असम्भव हो जाता है।
- इसके अलावा रोगी के हाथ व शरीर में कम्पन भी हो सकता है।बीमारी पुरानी होने पर चिन्ता, बैचैनी,धड़कन,सिरदर्द,चक्कर,स्नायु दुर्बलता,सुन्नपन,पूरे शरीर में कम्पन,हाथ से औजार,वस्तुओं का छूटना,गिरना आदि परेशानियां भी हो सकती हैं।

राइटर्स क्रेम्प का कारण-
मस्तिष्क में गहराई में स्थित उपांग बेसल गंगलिओं(basal ganglion)का ठीक से काम न करना राइटर्स क्रेम्प का कारण है।
इस उपांग का कार्य लिखते समय शरीर के विभिन्न अंगों में लय व समन्वय बनाये रखना है।
इस बीमारी में मस्तिष्क से आने वाली सूचनाओं का सही आँकलन लिखने में काम आने वाली हाथ की मांसपेशियों नही कर पाती हैं। जिस कारण लिखते समय हाथ की मांसपेशियों विपरीत व्यवहार करती हैं व हाथ जाम हो जाता है।
लिखने के अलावा अन्य परेशानी-
कम्पन चेहरे,आँखें,गर्दन,जीभ,आदि में भी हो सकता है।इसे चिकित्सीय भाषा में फोकल डिस्टोनिया या ऑक्यूपेशनल डिस्टोनिया कहते हैं।
अन्य प्रभाव-
राइटर्स क्रेम्प रोगी अगर लिखने के लिए अपने दूसरे हाथ(अर्थात दाहिने हाथ से लिखने वाला रोगी यदि बाएं हाथ) से लेखन कार्य प्रारम्भ कर देता है,तो कुछ माह बाद उसमें(बाएं हाथ में)भी राइटर्स क्रेम्प बीमारी होने लगती है

इलाज-
राइटर्स क्रेम्प रोग का सफल इलाज संजीवनी फॉउंडेशन में दुष्प्रभाव रहित होम्योपैथिक चिकित्सा से स्पीड पोस्ट द्वारा भी उपलब्ध है।अधिकतर मरीजों को 15 दिन के अंदर लिखावट में आराम मिलना शुरू हो जाना है।रोग पुराना होने पर इलाज़ में अधिक समय लगता है।
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